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ज्योतिष : १. आवो ज्योतिष सीखे ; A-B-C to X-Y-Z of ASTROLOGY. राशी क्या है ?
राशी क्या हैं ?
पृथ्वी को सेण्टर मानकर पुरे ब्रह्माण्ड ( ब्रह्माण्ड गोल हैं) को १२ भाग में बांटा गया हैं अथार्थ ३६० डिग्री सरौन्डिंग को १२ भाग में बांटा गया हैं यानि की एक भाग ३० डिग्री का हुवा . इसी को राशी नाम दिया गया हैं. इस तरह से बारह राशी हुवा जिन्हें क्रम से १. मेष,
२. वृश,
३. मिथुन,
४. कर्क,
5. सिंह,
६. कन्या,
७. तुला,
८. वृस्चक,
९. धनु,
१०. मकर,
११. कुम्भ,
१२. मीन
नाम दिया गया हैं. ये सारे ब्रह्माण्ड के खास हिस्से हैं, उसी तरह से जैसे की संसार के नक्से में इंडिया, जापान ,पाकिस्तान इत्यादी. जिस समय बच्चे का जन्म होता हैं उस समय चन्द्रमा जिस राशी में होता हैं वो बच्चे का जन्म-राशी बन जाता हैं. अगर चन्द्रमा वृस्चक राशी में हैं तो बच्चे का राशी वृस्चक कहा जायेगा.
….क्रमशः (Er. D.K.Shrivastava, sdelectgy@gmail.com, dhirajkumar.ammas.com, Mo. 9431000486) – आगे लग्न क्या हैं?… सप्रेम
लग्न क्या है ?
जिस जगह पर बच्चे का जन्म होता हैं उसे सेंटर मानकर पुरे ब्रह्माण्ड को १२ भाग में बांटा गया हैं अथार्थ ३६० डिग्री सोरौन्डिंग को १२ भाग में यानि की एक भाग ३० डिग्री का हुवा . इसी को राशी नाम दिया गया हैं. इसतरह से बारह राशी हुवा जिन्हें क्रम से १. मेष, २. वरिश , ३, मिथुन, ४. कर्क, ५. सिंह, ६. कन्या, ७. तुला, ८. वृस्चक , ९. धनु, १०. मकर, ११. कुम्भ, १२. मीन नाम दिया गया हैं. ये सारे ब्रह्माण्ड के नक्सा हैं. जिस समय बच्चे का जन्म होता हैं उस समय पूर्वी छितिज पर जो राशी होती हैं उसे लग्न बोला जाता हैं. लग्न को कुंडली में प्रथम भाव बोला जाता हैं जो कुंडली में सबसे ऊपर बिच में होता हैं. यही से भाव को गिना जाता हैं अथार्थ प्रथम भाव, द्वितीये भाव ……अगर कन्या राशी पूर्वी छितिज पे हो तो कन्या लग्न हुवा अथार्त कुंडली का प्रथम भाव ६ नंबर होगा….क्रमशः (९४३१०००४८६)
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