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नग्मे – २. धन से शैया खरीदी जा सकती है, नींद नहीं।

Dharm & religion; Vigyan & Adhyatm; Astrology; Social research
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धन से शैया खरीदी जा सकती है, नींद नहीं। धन से पुस्तकें खरीदी जा सकती है, ज्ञान नहीं। धन से भोजन खरीदा जा सकता है, भूख नहीं। धन से दवायें खरीदी जा सकती है, स्वास्थ्य नहीं। धन से मकान खरीदा जा सकता है, घर नहीं। धन से विलासिता खरीदी जा सकती है, सभ्यता नहीं। धन से आमोद-प्रमोद खरीदा जा सकता है, खुशी नहीं। धन से प्रसाधन सामग्री खरीदी जा सकती है, सुन्दरता नहीं। धन से देवालय खरीदा जा सकता है, निर्मलता नहीं। धन से आज्ञाकारी सेवक खरीदा जा सकता है, सम्मान नहीं। धन से नौकर खरीदा जा सकता है मित्र नहीं। धन से सामान खरीदा जा सकता है, समानता नहीं। धन से विषय-सुख खरीदा जा सकता है, प्यार नहीं। धन से आदमी खरीदा जा सकता है, विश्वास नहीं। धन से वस्तुएं खरीदी जा सकती है, शांति नहीं। धन से सामाजिक स्थिति खरीदी जा सकती है, कुलीनता नहीं। धन से मान्यता खरीदी जा सकती है, प्रतिष्ठा नहीं। धन से पदवी खरीदी जा सकती है, महानता नहीं। धन से सेवा खरीदी जा सकती है, स्वामिभक्ति नहीं। धन से शक्ति खरीदी जा सकती है, प्रभाव नहीं। धन से इंसान खरीदा जा सकता है, इंसानियत नहीं।

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